है जिसमें इज दिन आग लगाई जाती है। लोग अग्नि के चारों और परिक्रमा करते है, नाचते-गाते हैं, आपस में गले मिलते हैं तथा नये अनाज को बालों को भूलकर एक-दूसरे को सद्भाव एवं मित्रता के प्रतीक के रूप में वितरित करते हैं। हालका दहन से अगला दिनदुल्हॅडि फग काइता है" का होता है। इस दिन प्रातःकाल पहर तक बच्चे- बुढे, युवक- मी न खेलते हैं। चारों ओर रंग तरता दिखाई पड़ता हैकही बच्चे पिचकारी मार रहे हैं तो कही बाबर, कहा युवक एक-दूसरे के गालों पर लाल कहा युवक एक-दूसरे के गालों पर लाल लगाकर मस्ती में नाच हे ३ ही युवतियों की टोली ढोलक-मजोरे बजाती हुई नाचती दिखाई दे रही है। गलियों, बाजारों तथा सड़कों पर जिधर देखिये मस्ती, उल्लास एवं आनन्द का सागर हिलोरे मारना हुया दिखाई पड़ता है। - लोग धर्म, जाति, सम्प्रदाय, वर्ण आदि के भेदभावों को भलाकर एक-दूसरे के गले प्रभुनाथ शुक्ल। बेटियों का अनुपात गिर रहा है। जबकि हमारा सियासी बड़बोलेपन का ग्राफ बढ़ रहा है। हमें सञ्जबाग दिखाया जा रहा है जबकि जमीनी हकीकत को तस्वीर दूसरी है। हमारा समाज पतन की तरफ बढ़ रहा है और हम विकास के जुमले पढ़ रहे हैं। पता नहीं किस भारत की बात हो रही। बेटियों की भ्रूण हत्या थमने का नाम नहीं ले रही सरकारी स्तर पर मारो कवायद फेल हो रही है। नीति आयोग को रिपोर्ट के मुताबिक देश के राज्यों में लिंग अनयत तेजी से गिर रहा है। प्रधानमंत्री ॐ2011 कुपोषण और लिंगानुपात को यह स्थिति हमें सोचने पर मजबूर करतो है। रिपोर्ट के मुताबिक जल में १५० के राज्यों में हरियाणा का प्रदर्शन सबसे दर है। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर : सिक्किम 890 पंजाब 895 और उन 898 का स्थान रहा है। भारय - अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर कम से 950 महिलाओं का होता है। 2016 को संसद में स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा उलए: आंकड़े के5 -हरेः दे में हुई। है.
कब पूरा होगा समान लिंगानुपात का सपना