हर दिन हो रही है 6 बच्च्यिां बलात्कार का शिकार

हर दिन हो रही है 6 बच्चियां बलात्कार का शिकार



 


समाज मे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सारे नियम कानून बनाये जाते है। उनके सुरक्षा और विकास के लिये कई सारी योजनायें भी बनाई जा रही है। महिला दिवस पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर समाज को जागरुक भी किया जा रहे हैं। लोकिन फिर भी सामाज में महिलाओं के साथ और छोटी-छोटी बच्चियों के साथ हो रहे बलात्कार लगातार समाज के सभी बुद्धिजीवियों को चुनौती दे रहा हैं। आज जहा सरकार दावां करती है की समाज में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा रहा है वही समाज में बेटीयों के साथ हो रहे बलात्कार को रोकने में सरकार नकामयाब साबित हो रही है समाज में बेटीयां सुरक्षित नही होंगी तो समाज मे विकास आकर क्या करेगा?


राजस्थान राज्य में बेटीयों और महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार नें मानव जाति औऱ प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है जहा 2017 में प्रतिदिन 4 बच्चीयों के साथ बलात्कार हुए वही 2018 में ये आकड़ा प्रतिदिन 6 बच्चीयों के साथ बलात्कार का हो गया। 2017 में 1555 बालिकायें पीड़ित रही तो वही 2018 में ये आकड़ा 2015  हो गया हैरानी की बात रही की 2018 में 4435 बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामलें सामनें आयें।


राजस्थान के कुछ जिले जहां  2018 में पुलिस प्रशासन नें जारि कियें बच्चियों के साथ बलात्कार के आकड़ें


  राजस्थान के जिलें                                    रिकार्ड कियें मामलें



  • अलवर-                                              196

  • जयपुर                                                184

  • जोधपुर                                               131

  • भरतपुर                                               116

  • उदयपुर                                               104

  • बारां                                                     101 

  • झालावाड़                                                98

  • हनुमान गढ़                                             93


ये आकड़ें दिल को दुखाते है की समाज मे महिलायें तो असुरक्षित थी पर मासूम बच्चियों को भी नही छोड़ा जा रहा है। जिसमें अलवर और जयपूर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलें है जहा बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले सबसे ज्यादा  सामनें आयें है। बच्चियों के साथ बड़ रहे इन घटनाओं को रोकनें के लियें आज सबसे ज्यादा जरुरत है महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों का भी जागरुक करनें  की जरुरत है ये सभी घटनायें इसलियें समाज में बढ़रही है क्योंकी शिक्षा के साथ संस्कारों को नही दिया जा रहा संस्कार युक्त शिक्षा ही व्यक्ति का आच्छा चरित्र निर्माण कर सकता  है और एक आच्छा चरित्रवान वाला व्यक्ति समाज के लियें प्रेरणा स्रोत औऱ समाज का सही नेतृत्तव कर सकता है। समाज में  एसी घटनाओं को रोकने के लिये जरुरी है राज्य के जिलों में कानून व्यवस्था का सख्त होना क्योकी लोगो में कानून के प्रति जागरुकता और भय रहेगा तो ये समस्या भी नश्चित रुप सें दूर होगी


आज के राजनेंताओं को और समाज के समाजिक कार्यकर्ताओं को इस विषय को नयोजित ढंग से चलानें की जरुरत है औऱ जन जागरुकता आभियान इसके लियें कारगर काम साबित होगा क्योकी जब लोगो में जागरुकता आयेगी तो लोग ज्यादा से ज्यादा मिलकर इस शर्मनाक कृत्य को रोकनें में आगे अयेंगे।