आजम खान ने दिखाई अपनी पैहचान किया भरे समाज में नारि का अपमान
हाल ही में समाज वादी पार्टी के नेता आजम खान ने जिस भाषा शौली का उपयोग कर महिलाओं के प्रति अपनी भावना जताई उससे साफ जाहिर होता है की समाज में महिलाओं का कितना सम्मान हैं । हाला की जिनके बारे में आजम खान नें अपशब्द का उपयोग किया वो तो एक प्रतिष्ठित महिला है लेकिन जरा सोचियें जब एसी महिला के बारें में इस प्रकार की भाषा का प्रोयोग हो रहा हैं तो फिर एक आम महिला के साथ क्या होता होगा? वो तो शायद डर के मारे आवाज भी नही उठाती होंगी। दुखः होता है ये जानकर की महिलाओं के लियें पुरुष समाज ईतना लचिला क्यों है? शायद ये हो सकता है की समाज में महिलायें अपनें दम पर पुरुषों को चुनौती देती हुई उनसे बेहतर कार्य कर रही हैं। आजम खान नें उन पुरुषों का नेतृत्व करते हुए ये जताना चहा है की वो और उन जैसे लोग समाज में महिलाओं की कोई इज्जत नही करते । एसे में क्या समाज आजम खान या इन जैसे लोगो माफ करेगा ?
अभिनेत्री और राजनेता जया प्रदा के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी किये जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने तो निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” का अनुरोध किया है। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को एक पत्र लिखकर दो घटनाओं का जिक्र किया और बताया की जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (किसी स्त्री की मर्यादा का अनादर करने के आशय से कोई अश्लील शब्द कहना या हावभाव प्रकट करना) और कुछ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है।
लेकिन समाज में औऱ भी एसी सोच रखनें वालें व्यक्ति है जो खुलेआम चौड़े मे नारियों का अपमान करतें है और खुद को बहादुर समझते है। एसे लोगो को भी सबक सिखाने की जरुरत है। समाज की नारि शक्ति को जागना होगा औऱ चुनौती को स्वीकार कर एसे लोगो को दण्ड दिलवाना होगा नही तो ये सोच समाज को दुषित करेंगी और आनेे वाले समय में माहौल को भी बिगाड़ेंगी। इसके लिये जन जागरुकता जरुरी है।
आजम खान का जया प्रदा के खिलाफ दिया गया बेहूदा बयान ना सिर्फ उनका बल्कि देश की करोड़ों मांओं और बहनों का अपमान है। यह देश की महाशक्ति (महिला शक्ति) का तिरस्कार है। आजम खान समाजवादी पार्टी के नेता है जिनका बयान उनकी घटिया सोच को दर्शाता है। एक तरफ तो समाज में महिलाओं को पूजने की बात करते है उन्हे बराबर का दर्जा देने की बात करते है, और वहि दुसरी तरफ आजम खान जैसे मानसिकता वाले लोग महिलाओंं का अपमान देश चलाने और समाज का नेतृत्व करने की बात करते है समाज को एसे नेतृत्व की कोई आवश्यक्ता नही है जहां नारियों को कोई न्याय ना मिलें कोई सम्मान ना मिलें ।
सरकार ने वेैसे तो नारीयों के लिये काफी सारे कानून बनायें हेै ढ़ेर सारी सुविधायें दी है लेकीन जब तक लोग मानसिक रुप से नारी सम्मान नही करेंगे तब तक नारियों की सुरक्षा संभव नही है।